Ruchika Rai
Ruchika Rai 01 Aug, 2022
नभ को छू लूँ
श्वेता उस झूले में बैठी पहाड़ों ,घाटियों के ऊपर से गुजर रही थी,एकबारगी उसे डर लगा कि अगर वह कही गिर गयी तो....डर से उसने आँखें बंद कर ली। तभी उसे याद आया उसे बादलों को पकड़ना है नभ को छूना है,वह झट से आँखें खोल हाथ बढ़ा दी मगर उसे क्या पता था ये तो मृग मरीचिका है।

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by ruchikarai

01 Aug, 2022

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