Ruchika Rai
Ruchika Rai 13 Jul, 2022
खत
वो बहके हुए जज़्बात, प्यार की मीठी बात, खतों में भेजा था उसने दिल के एहसासात, मिलन की चाहत बयान की उसने उसमें चाहे दिन हो या तारों भरी सुनहरी सी रात। ख़तों में न कोई शिकवा गिला बयान था, बस याद थी कुछ सुनहरी प्यारी लम्हात।

Paperwiff

by ruchikarai

13 Jul, 2022

Poem

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