Ruchika Rai
Ruchika Rai 19 Aug, 2022
महताब
महताब सा तुम बनो जिसमें नही ताब हो, शीतल रोशनी जिसकी बहुत लाजबाब हो, चाँदनी का नूर हो अँधेरे का प्रकाश भी, जैसे खूबसूरत कोई भी प्यारा सा शबाब हो।

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by ruchikarai

19 Aug, 2022

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