Ruchika Rai
Ruchika Rai 19 Aug, 2022
मुरारी
हे कर्मयोगी ,प्रेम स्वरूप,वात्सल्यपूर्ण ,हे मुरारी अब तो आ जाओ धरा पर विपदा है बड़ी भारी, निज शत्रुता क्लेश दम्भ से भयभीत है ये मन, प्रेम जगाओ हर मन में हे मेरे गिरधारी।

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by ruchikarai

19 Aug, 2022

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