Ruchika Rai
Ruchika Rai 09 Oct, 2022
पहचान
रास्ते हुए गुमनाम खुद की खो गयी पहचान, दर्द से रिश्ता बढ़ा,खुशियाँ हुई सदा अनजान, ये कैसा सिलसिला है जिंदगी का मेरे संग में, खुशियाँ पल दो पल के लिए ही होती मेहरबान।

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by ruchikarai

09 Oct, 2022

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