Ruchika Rai
22 May, 2021
चाय दिवस
यारों के साथ एक कप चाय के लिए तरस गए,
जिंदगी बेरंग बेस्वाद ही मानो यूँ गुजर गई
कभी महफिलें जमती थी चाय के दीवानों की,
पर इस महामारी में हम ऐसे ही बसर गए।
काश की वो लम्हें फिर से जल्दी लौट आये,
वो टपरी पर बैठे हम चाय की चुस्कियां लगाए,
वो मोहब्बत भरी बातों में पल यूँ गुजर जाए,
प्यार मोहब्बत के अरमान हम दिल में जगायें।
Paperwiff
by ruchikarai
22 May, 2021
एक कप चाय के लिए
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