Ruchika Rai
Ruchika Rai 05 Aug, 2021
भक्ति
निराशा का घना गह्वर हारता टूटता मन उम्मीद की नही दिखे किरण फिर उसी बीच जुगनू से आया प्रकाश विश्वास अविश्वास की देहरी पर झूलता मन थक हारकर नतमस्तक हुआ उस ईश के द्वार वही निकालेगा इस गह्वर से पार।

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by ruchikarai

05 Aug, 2021

क्षणिकाएं

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