Ruchika Rai
Ruchika Rai 05 May, 2022
शोख़
शोख़ अदाएँ कान्हा की बरबस मन को भाती हैं, उंनको निश्छल मुस्कान हमें सदा ही लुभाती हैं, अधर मुरली मस्तक पर मयूर पंख सुशोभित है, बाल छवि कान्हा की ह्रदय में बस जाती है।

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by ruchikarai

05 May, 2022

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