Ruchika Rai
Ruchika Rai 15 Dec, 2023
प्यार बोएं
नन्हें-नन्हें हाथों से जो पौधे की हो सिंचाई, पौधे हरियाली से देखो कैसे लहलहाई, प्रेम का पौधा जो संस्कारों में हम रोपें, नफ़रत ईर्ष्या वश किसी को न हम टोकें। नन्हें हाथों में देखो जब हो पौधे की जिम्मेदारी, प्यार ही प्यार बोएं मुस्कान की हो तैयारी।

Paperwiff

by ruchikarai

15 Dec, 2023

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