Ruchika Rai
Ruchika Rai 13 Oct, 2022
मृगांक
सोलह शृंगार की आभा से दमकता गोरी का अंग, धवल चाँदनी बिखेरता है मृगांक देखो संग संग, बाट जोहती है सुहागिनें लेकर पूजा की थाल, चेहरे पर सजता है देखो साजन के प्रेम का रंग।

Paperwiff

by ruchikarai

13 Oct, 2022

Microfable

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.