Ruchika Rai
05 May, 2022
तलबगार
दो मीठे बोल के तलबगार ताउम्र हम रहे,
कड़वी जुबानी हमारे हिस्से क्या हम ये कहे,
अब तो हर हाल में इस जहर को पीना,
घुट घुट कर जीना बताओ अब कितना सहे।
Paperwiff
by ruchikarai
05 May, 2022
Microfable
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