Ruchika Rai
Ruchika Rai 06 Jul, 2022
नजर
मेरी नज़रों में कुछ कहानी छिपी है, जाने अनजाने हुई नादानी छिपी है। देखी थी इन नज़रों ने उन्हें हसरत से, मगर नही कोई भी बेईमानी छिपी है। जी भरकर देखना चाहती हैं नज़रें उन्हें, समुंदर से ज्यादा इसमें पानी छिपी है। पाकीज़गी की किसी सीमा में न बाँधो, इन नज़रों में एक मासूम दीवानी छिपी है। खूबसूरती है इन नज़रों की प्यारी सी, हया से झुकती सदा रवानी छिपी है। मासूमियत से भरी हुई हैं ये नज़रें सदा, नही कोई इसके पीछे सयानी छिपी है। जीवन से भर जाती हैं सदा ये नजरें, कुछ ख़्वाहिशें और कुछ मनमानी छिपी है।

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by ruchikarai

06 Jul, 2022

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