Ruchika Rai
Ruchika Rai 15 Jun, 2022
शादाब(हरा भरा)
शादाब रहे जिंदगी का हर बगीचा, उसको सदा ही हमने प्रेम से सींचा, खुशियों के इत्र से सुगंधित सदा रहे, वैमनस्य की न खींची हो कोई रेखा।

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by ruchikarai

15 Jun, 2022

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