Ruchika Rai
24 Oct, 2022
दीपमालिका
चलो दीपमालिका उस आँगन में भी चलकर हम सजाएं,
जहाँ अँधेरा निर्धनता का आराम से डेरा है अपना जमाये,
आस की उजास फैलाकर हर मन के कोने कोने से सदा,
तमस को दूर भगा दीपमालिका से जगमग कर जाएं।
Paperwiff
by ruchikarai
24 Oct, 2022
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