Ruchika Rai
13 Nov, 2022
राजनीति
अपनी ही धुन में मगन,
सही गलत के पैमाने से अलग,
कितनी भी आवाजें विरोध में
या फिर शिकायती उठें
आँख कान हैं बंद
राजनीति की बस यही चाल,
कोई भी छेड़े,खखेड़े,मस्त हैं भेड़ें
Paperwiff
by ruchikarai
13 Nov, 2022
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