Ruchika Rai
23 Aug, 2022
पुर्ज़ा
जीवन के टेढ़े मेढ़े राहों पर चलते हुए,
डगमगाये कदम फिर भी चले संभलते हुए,
पुर्ज़ा पुर्ज़ा हुआ रूह का मगर मुस्कान रही,
जिंदगी का हर पल जिया यूँही संवरते हुए।
Paperwiff
by ruchikarai
23 Aug, 2022
Microfable
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