Ruchika Rai
14 Sep, 2022
अपनी हिंदी
अपने ही देश में अपने अस्तित्व के लिए लड़ती रही,
विशेषताएं अनेक पर उपेक्षा का दंश झेलती रही,
संस्कृति की वाहक बन जन जन के जुबां में बसती,
देवनागरी से रोमन में आकर ये स्वयं को ठगती रही।
Paperwiff
by ruchikarai
14 Sep, 2022
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