Ruchika Rai
Ruchika Rai 27 Aug, 2022
मुक़ाबिल
नही कर सकती मैं अपने बड़ों का मुक़ाबिल, समझती नही स्वयं को इसके मैं काबिल, अपने संस्कारों की बेड़ियों में जकड़ी हुई, तिरस्कार बड़ों का बर्दाश्त करना नाकाबिल।

Paperwiff

by ruchikarai

27 Aug, 2022

Microfable

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.