Ruchika Rai
Ruchika Rai 02 Jun, 2024
दो जून की रोटी
दो जून की रोटी के लिए किसी ने गाँव छोड़ा किसी ने घर छोड़ा औऱ छोड़ा किसी ने परिवार। सब समझते रहें कि वह बाहर जाकर बदल गया मगर किसी ने यह नही समझा की मजबूरियों ने है उसे बदल दिया। रोटी नही देखती अकेले हो या संग रोटी बस भूख देखती और करती सदा ही तंग।

Paperwiff

by ruchikarai

02 Jun, 2024

Topic free contest

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.