Ruchika Rai
Ruchika Rai 02 Nov, 2022
ख़्यालों के बादल
ख़्यालों के बादल का जहन पर है छा जाना, आँसूओं के बरखा से मन को है भींगाना, कभी उदासी के घने साये का दिल में समाना, कभी मुस्कान का होठों पर थिरक जिंदगी के किस्से सुनाना।

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by ruchikarai

02 Nov, 2022

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