Ruchika Rai
Ruchika Rai 11 Aug, 2024
मौन
उसने कहा-सुनो,एक गहरी खामोशी, शोर पर भारी होती है। जानती हो क्यों? न जाने कितनी बातें थीं कहने को, मगर वह चुप रही,बिल्कुल खामोश। क्योंकि उसके मन में चल रहे थे तूफान कितने ही अनुत्तरित प्रश्न भी मगर उसे पता था कुछ प्रश्नों की नियति अनुत्तरित रहनी है। और कुछ तूफ़ान वक़्त के साथ ही होते शांत। उसने शोर पर मौन को चुना क्योंकि शोर में भी नही थी संवेदना जैसे मौन में नही थी।

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by ruchikarai

11 Aug, 2024

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