Ruchika Rai
17 Aug, 2024
स्याह सच
भले ही कितने दावे कर लें कितने आँकड़े जारी कर लें पर यही एक कड़वी हकीकत है कि स्त्रियाँ कभी भी सुरक्षित नही रही हैं।
आजादी के 78 वर्ष बीतने के बाद भी उन्हें खौफ के साये में जीना ही पड़ता है।
Paperwiff
by ruchikarai
17 Aug, 2024
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