Ruchika Rai
Ruchika Rai 22 Aug, 2022
रग़बत
रग़बत यही की हर उदास होठों पर मुस्कान लाऊं, हर रोते आँखों को हँसी देकर सदा ही मैं जाऊँ, इंसानियत का सदा ही मान रखूं अपने जीवन में, अपने कर्म की खुशबू से संसार को सदा महकाऊं।

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by ruchikarai

22 Aug, 2022

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