Ruchika Rai
Ruchika Rai 06 Jul, 2022
ओझल
नजरों से ओझल हूँ मगर दिल से ओझल कैसे करोगे साँसें हो जाये बोझल तो बोलो कैसे रहोगे, जिंदगी का एक यही सच सदा याद रखो तुम, जो पल मिले उसमें खुशियाँ समेट लो वरना कैसे रहोगे।

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by ruchikarai

06 Jul, 2022

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