Ruchika Rai
Ruchika Rai 30 Aug, 2022
अज़ाब
इससे बड़ा अज़ाब क्या अपनों ने ही लूटा, रिश्तों में धोखाधड़ी और रिश्ता है छूटा, गैरों से क्या शिकायत करें अपने दर्द का, दिल जो था मेरे शीशे की तरह टूटा।

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by ruchikarai

30 Aug, 2022

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