Ruchika Rai
Ruchika Rai 03 Jul, 2022
सुकून की छाँव
बचपन के वो सुहाने दिन, उसकी डालियों पर लगाते झूले, वो उसके मोटे जड़ों के पीछे छुप लुका छिपी, वो सुकून की छांव सी थी। जो गर्मी में तपती गर्मी और भरी दुपहरी में आश्रय देती एक एहसास सी थी।

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by ruchikarai

03 Jul, 2022

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