हिन्दीहीनता त्यागो!
हिन्दी भारत माता के मस्तक की बिंदी। समस्त भारतीय भाषाओं को अपने अंदर समाहित करने वाली पगदंडी है हिन्दी। मत पड़ने दो दयानंद सरस्वती गांधी अंबेडकर लोहिया और राजागोपालाचारी की आत्माओं को ठंडी।।४।। फोड़ दो झूठे दिखावें और अंग्रेजीयत की हंडी। हिन्दी में संस्कृत को मिलाकर बनालों भारती सुगंधी।।५।। हिन्दी भारत माता के मस्तक की है बिंदी। जय हिन्द।

Paperwiff

by rkbharate

14 Sep, 2020

हिन्दी भारत माता के मस्तक की है बिंदी(२)

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