Ritu Sondhi
Ritu Sondhi 07 Jul, 2020
चुलबुली थोड़ी सी नादान
हूँ मै थोड़ी चुलबुली थोड़ी सी नादान हंसती हूँ हजारों मे गम को भूल जाती हूँ छोटे छोटे पलो मे खुशियाँ ढूँढ लाती हूँ खुद को आइने में देख खुद से ही शरमाती हूँ हूँ मैं थोड़ी चुलबुली हूँ मै थोड़ी नादान हसती हूँ मै सारे गमो को छोड़कर नई त॑रगो को जोडकर बंधी हूँ कुछ सवालों से आज़ाद हूँ अपने ख्यालों से मै नदियाँ की मौज हूँ खुद मे ही अपनी खोज हूँ

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by ritusondhi

07 Jul, 2020

चुलबुली थोड़ी सी नादान

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