ये रात सिर्फ सोने के लिए तो नहीं बनी होगी,
शायरों को अक्सर रात भर जागते देखा है मैंने,
कभी ख्यालों के समंदर में डुबकी लगाते,
तो कभी चाँद से घंटों बातें करते,
अपने कलम की स्याही बहाते,
शायरों को अक्सर रात भर जागते देखा है मैंने,
कभी अपनी परछाई से बातें करते,
तो कभी अकेले आँसू बहाते,
दिल का हाल कागज़ पर उतारते,
शायरों को अक्सर रात भर जागते देखा है मैंने,
कभी पुराने पलों में खोते,
तो कभी किसी बिछड़े सनम को याद करके रोते,
आँसुओं को स्याही बनाते,
शायरों को अक्सर रात भर जागते देखा है मैंने,
कभी टूट ते तारे का इंतज़ार करते,
तो कभी सितारों के जलसे तो निहारते,
या फिर अपने मेहबूब की तस्वीर को चाँद में ढूँढ़ते,
शायरों को अक्सर रात भर जागते देखा है मैंने,
मुझे हैै यकीन ये रात सिर्फ सोने के लिए तो नहीं बनी होगी,
शायरों को अक्सर रात भर जागते देखा है मैंने!
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
Sundar
वाह
Thank you both 😊
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