बेहतरीन हिंदुस्तान का निर्माण क्या कर पाएँगे हम?

गणतंत्र दिवस के अवसर पर स्वरचित कविता

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Ritika Bawa Chopra
Ritika Bawa Chopra 26 Jan, 2022 | 1 min read
republicday

भारत माँ के हुए कितने वीर जवान,

सीने पे गोली खाकर हुए देश पर कुर्बान,

कितनों ने अपने शीश चढ़ाकर, रखा तिरंगे का मान,

शत् शत् नमन उनको मेरा, इन वीर सैनिकों से हीे है देश की शान,


कौन कहता है, तिरंगे में होते हैं सिर्फ तीन रंग?

कौन कहता है, तिरंगे में होते हैं सिर्फ तीन रंग?

उन तिरंगों का क्या जिनमें लिपट कर आए थे भारत के वीर सपूतों के बिखरे अंग,

मिल जाता है लाल लहू का रंग भी, केसरिया, सफेद और हरे के संग,

जब देश के नाम खुदको कर जाता है कोई दबंग,


क्या हम कभी उतार पाएँगे उसके लहू का कर्ज़?

क्या हम कभी कम कर पाएँगे एक माँ का मर्ज़?

उसने तो निभा लिया, क्या हम भी कभी निभा पाएँगे अपना फ़र्ज़?


भूलकर भेद-भाव और नफरत जब सबको एक समान गले लगाएँगे हम,

राष्ट्र सम्मान में जब शांति और अमन का झंडा फैराएँगे हम,

तभी सच्चे भारत वासी कहलाएँगे हम,

हाँ, तभी एक बेहतरीन हिंदुस्तान का निर्माण कर पाएँगे हम।

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