Ritika Bawa Chopra
Ritika Bawa Chopra 08 Aug, 2021
सावन
सब कुछ कितना मन भावन है, देखो आया सावन है, चारों ओर हरियाली है, गीली मिट्टी की खुशबु निराली है, मीठी मीठी कोयल की बोली, फ़िज़ाओं में जैसे रस है घोलती, झूम झूमकर नाचे है मयूर, जैसे धरती पर हो खुदा का नूर, चलो हम भी मिलकर कुछ गुनगुनाएँ, क्यों न सुहाने मौसम का लुफ़्त उठाएँ, आम के पेड़ पर आओ झूला लगाएँ, ठंडी ठंडी हवाओं का आनंद उठाएँ!

Paperwiff

by ritikabawachopra

08 Aug, 2021

Poem

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