Ritika Bawa Chopra
Ritika Bawa Chopra 22 Feb, 2021
एक स्त्री के मन की व्यथा
जन्म लिया तो कहीं लक्ष्मी कहीं बोझ कहलाई, बचपन में कहीं प्यारी बिटिया तो कहीं जिम्मेदारी कहलाई, जवान हुई तो कहीं होने वाली दुल्हन तो कहीं पराया धन कहलाई, माता पिता का घर मायका कहलाया, पति का घर ससुराल बतलाया, यह हमारे घर की बहु है, ये तो सभी ने बताया, पर यह घर बहु का भी है, ये कोई नहीं समझ पाया, क्या है एक स्त्री के मन की व्यथा, कैसे बतलाए, न मायका न ससुराल, किसे अपना घर बताए!

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by ritikabawachopra

22 Feb, 2021

एक स्त्री के मन की व्यथा

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