Ritika Bawa Chopra
Ritika Bawa Chopra 08 Jul, 2021
कलम की स्याही...
कलम की स्याही जैसे रुक सी गई है, शब्दों ने शायद आज हड़ताल की है, हाल-ए-दिल बयाँ करूँ मैं कैसे? दर्द को अपने अलफ़ाज़ दूँ मैं कैसे?

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by ritikabawachopra

08 Jul, 2021

shayari

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