Ritika Bawa Chopra
Ritika Bawa Chopra 17 Mar, 2021
भीगी बिखरी...
भीगी बिखरी ज़ुल्फ़ों सी ज़िन्दगी, उलझनों में जकड़ी सी ज़िन्दगी, सुलझाना तो होगा न इसे, कुछ कड़ी धूप और गर्म लू के सामने, कुछ कंघी की तरह लगेंगे तेज़ झटके, सुलझेगी भी और सवरेगी भी, बस थोड़ा दर्द और थोड़ा सब्र, कभी तो सही दिशा में आएगी ज़िन्दगी की डगर!

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by ritikabawachopra

17 Mar, 2021

भीगी बिखरी...

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