सRita...
सRita... 05 Dec, 2020
उलझन
ना जाने कितनी मजबूरियां लबों पर बात लाते लाते रह गए, हम उलझन में तड़पते रहे और वो दुनिया को सुलझाते रह गए।

Paperwiff

by rita

05 Dec, 2020

उलझन

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