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Microfables
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रुआब
किसने कहा जनाब कि फ़ाको - फ़कीरी में रुआब चला जाता है ... नवाब था कभी जो , ख्वाबों में आज भी लाव - लश्कर संग जाता है ...
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by rgoldenink
नवाबी शख्शियत
15 Sep, 2020
वो
उसे सब यूँ चाहने लगे हैं आजकल 'बहुत' ! मेरा 'बहुत' भी अब कम सा लगने लगा है !!
Paperwiff
by rgoldenink
नजरअंदाज
17 Sep, 2020
न्याय
न्याय की परिभाषा का विस्तार होना चाहिये पेड़ पौधे व वन्य जीव का भी अधिकार होना चाहिए
Paperwiff
by rgoldenink
अधिकार
19 Sep, 2020
ख्वाब
जब चाहे उसे बुला लेती हूँ सपनो का उसे मैं पता देती हूँ सामने तो उसके मुश्किल है सांँस भी लेना ख्वाबों में जी भर सता लेती हूंँ
Paperwiff
by rgoldenink
सपनो की दुनिया
15 Oct, 2020
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