अरे मिश्रा जी ,वो पिक्चर देखी है तुमने मर्डर??क्या मस्त है मल्लिका सहरावत.. मैंने तो खाली उसी के लिए देखी रात लैपटॉप पर..."
सिंघल साब आप भी खूब हो..इस उम्र में बड़ी मस्ती सूझ रही हैआपको..
"इस उम्र में मतलब?? यार अभी 50 भी पूरे नहीं हुए..और तुमने सुना नहीं हमारी उम्र के हीरो और नेता युवा कहलाते है।।"
"तो आपके हिसाब से युवा कहलाने का मतलब ये सब है"?
"मिश्रा जी सुनिए,जिम्मेदारी निभाते निभाते जिंदगी निकल गई..अब तो अपने हिसाब से जी ही सकते है।।आपने सुना नहीं है'घोड़ा और मर्द कभी बूढ़े नही होते'.."
"ठीक है भाई आपसे बातों में कोई नही जीत सकता"
"अरे वो देखो..वो लड़की वहाँ, जो स्ट्रेचिंग कर रही है।।क्या लग रही है सर..एकदम गज्ज्ज्ब..."
"मिश्रा जी ने देखा, एकदम ताव खाकर लाल नेत्रों से घूरते हुए सिंघल जी से बोले"ये क्या बेहूदगी है सिंघल,बेटी की उम्र की है वो..कुछ तो शर्म करो.."
"अरे यार तुम तो बात बात पर भड़कते हो,आजकल उम्र वगैरह कोई नही देखता..कितने उदाहरण दु तुम्हे..बूढ़े लोग ही पसन्द आ रहे आजकल नवयुवतियों को..अपने आसपास नजर तो डालो..सोशल मीडिया पर भरमार है ऐसी जोड़ियों की"
"वो सहमति से एक हुए है..उनकी आड़ लेकर तुम ये अश्लीलता नही फैला सकते"
"अरे कौन सी अश्लीलता??तारीफ की भूखी होती है महिलाएं,तारीफ करके चढ़ाते रहो और मजे लो"
"हम्म बात तो तुम्हारी सही है सिंघल,अब वो जो वहाँ से आ रही है छोटे से बच्चे को लेकर..क्या मस्त लग रही है,बच्चे के बाद भी कट्स देखो बॉडी के.."
"कौन?,किधर? मिश्रा जबान संभाल अपनी,मेरी बहु है वो.. पोते को पार्क में लाई है..आँखे फोड़ दूंगा तेरी.."
"क्या हुआ अब,तूने ही तो कहा अभी..तारीफ की भूखी होती है..वगैरह वगैरह.."
"अरे तो क्या मेरी बहु के लिए अश्लील बातें बोलेगा तू"??
"तो तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मेरी बेटी के बारे में बोलने की..हाँ!मेरी बेटी हैं वो..5 महीने बाद होस्टल से छुट्टी लेकर मेरे साथ पार्क आयी थी वॉक के लिए.."
"औऱ मैं ये भी जानता हूं कि वो तेरी बहु है,फ़ेसबुक पर देखा है..पर तूने मेरी बेटी को नही पहचाना क्योंकि सोशल मीडिया का चश्मा गलत तरीके से पहन लिया तूने..तुझे सिर्फ औरत का शरीर दिखा बस"
सिंघल जी गर्दन झुकाए बैठ गए।।
"गर्दन झुकाकर या नजर चुराकर बैठना हल नहीं है सिंघल साब.. किसी भी महिला को एक शरीर मानकर नही एक रिश्ता मानकर देखोगे तो थोड़ी बहुत तो दुनिया सुधर ही जायेगी"
"जिंदगी के मज़े लेना बुरा नहीं पर खुद के मजे को दूसरे के लिए सज़ा मत बनाओ।।
"मैं कैसे बोल पाया बहुरानी के लिए ये शब्द मैं ही जानता हूं..क्योंकि मैं रिश्ते से वाकिफ था।।तो हर स्त्री को क्यो नही एक पाक रिश्ते से देखें.."
"करके देखो दुनिया बड़ी पवित्र हो जायेगी सिंघल..और एक बात हम घोड़े नहीं इंसान हैं और रिश्तों में बंधे है समझे??"
"समझ गया मिश्रा जी..माफी चाहता हूँ.. आगे से अपनी मानसिक गन्दगी को जिंदादिली का नाम नही दूंगा.."
"ठीक है चलिए ज़रा थोड़ी रेस हो जाए.. क्योंकि अभी तो हम युवा है।।"
"जी बिल्कुल चलिए"
रेखा तोमर
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