कामवाली आंटी

आंखे खोलने वाली कहानी

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rekha shishodia tomar
rekha shishodia tomar 05 Jun, 2020 | 1 min read

"तुम यार छोड़ो.. रोज-रोज का वही बहाना, अगर रोज इतनी लेट ही आना था तो मुझसे शादी ही क्यों की थी?

 "अपने ऑफिस में ही कमरा किराए पर ले लेते... 

"बाबू कब तक इसी बात पर झगड़ा करोगी "

"जब तक कि तुम अपनी आदत सुधार नहीं लेते"

 तभी बेल बजी, कामवाली आंटी पार्वती को देखकर दोनों चुप हो गए।। लेकिन पार्वती समझ गई झगड़ा आज भी वही है, मसला आज भी वही है ।।

इस घर में पिछले 2 साल से काम कर रही हैं 1 साल रोहन साहब अकेले रहते थे।। 6 महीने पहले ही उनकी शादी हुई और रिया मेम साहब को शुरू से ही यह शिकायत है कि रोहन देर से क्यों आते।।

एक दिन जब सुबह सुबह पार्वती काम करने पहुंची तो रिया उनको देखते ही बोली 

"आओ आँटी ,जरा एक कप चाय बना लो.. अपनी भी बना लेना "

पार्वती हैरान रह गई क्योंकि रिया ने कभी उससे सीधे मुंह बात नहीं की थी।।

 डरते डरते बोली "आज खुश हो बेटा"

" हां आँटी ..आज इनका फोन आया था कि यह जल्दी आएंगे और मुझे लेकर जायेंगे"

" अरे वाह यह तो बहुत बढ़िया बात है "

"हां आँटी बस शाम का वेट कर रही हूं "

अगले दिन जब पार्वती पहुंची तो पूरा घर अस्त-व्यस्त था ।।आवाज देने पर भी कोई नहीं बोला ,घबराकर कमरे में देखने पहुंची तो वहां पर रिया सर पर कपड़ा लपेटे लेटी थी।।

 पार्वती ने कहा "बेटा तबीयत खराब है? चिड़चिड़ाते हुए रिया बोली "आप अपना काम करो.. ज्यादा सवाल जवाब मुझे पसंद नहीं है ।।

पार्वती चुपचाप कमरे से बाहर निकली तो देखती है रोहन हाथ में दूध और ब्रेड लिए आ रहे हैं ।।मतलब आज रोहन ऑफिस नहीं गए और शायद नाश्ता भी नहीं बना है।। उसने रोहन के हाथ से ब्रेड और दूध लिया ।।

नाश्ता बनाकर रिया का नाश्ता किचन में ही रख दिया और रोहन को नाश्ता देते हुए बोली

" बेटा वैसे तो यह तुम्हारे घर की बात है पर तुम जैसे लड़के को इस तरीके से देखना अच्छा नहीं लगता.. हम भी सुबह-सुबह हंसी खुशी अपने घर से काम करने आते हैं इस तरीके का माहौल देखकर मन दुखी हो जाता है ।।

और फिर रोहन ने पार्वती को सब चीजें बताई।। एक बुजुर्ग महिला होने के नाते क्योंकि रोहन के मां पापा उसके पास नहीं रहते थे, और उनके ना होने पर पार्वती ने बहुत अच्छे से रोहन के खाने-पीने का ध्यान रखा ।।

अगले दिन पार्वती काम पर आई और रिया से बिना कुछ कहे किचन में चली गई किचन से एक थाली ढक कर ले आई ।।

रिया सोफे पर बैठकर टीवी देख रही थी थाली को देखकर पूछा "क्या है इसमें ?

"खोल कर देखो बेटा"

 "अरे वाह !!हलवा पूरी, काशीफल की सब्जी, आलू टमाटर ,बूंदी का रायता ...मजा ही आ गया देख कर.."

 फिर अचानक गंभीर होते हुए बोली" रोहन ने बताया होगा आपको इस सब के बारे में?

 "हां बेटा रोहन ने बताया है ..तुम्हें शायद ना पता हो कि रोहन को क्या पसंद है लेकिन उसे तुम्हारी पसंद ना पसंद के बारे में अच्छे से पता है।। चलो अब वह सब बातें छोड़ो और खाकर बताओ कैसा बना है ?तुम्हारी मम्मी जैसा तो नहीं बना होगा लेकिन खाना अच्छा बना लेती हूं मैं..."

 खाने के एक एक निवाले के साथ खाने का स्वाद जीभ से होता हुआ दिमाग पर असर कर रहा था।। और धीरे-धीरे रिया का मन खुश और मूड अच्छा हो गया।।

 तब पार्वती ने अपनी बात शुरू की" बेटा खाना कैसा बना है 

"बहुत ही स्वादिष्ट है आँटी ,हलवे का तो जवाब ही नहीं ..."

"धन्यवाद बेटा.. बस ईश्वर ऐसे खाना खाने लायक सबको बनाए रखें वरना आजकल तो यह हाल है किसी को शुगर ,किसी को बीपी ,किसी को थायराइड फिर डॉक्टर की 10 हिदायतें यह मत खाओ.. वह मत खाओ.. इसीलिए अगर इंसान को खुश रहना है और सब कुछ स्वस्थ तरीके से खाना है.. तो अपनी सेहत का ध्यान रखना चाहिए "

"मैं तुम्हें बताती हूं 31 नंबर में रहने वाली मेमसाब ने कभी अपनी सेहत पर ध्यान ही नहीं दिया ..कभी थकान कभी चिड़चिड़ापन कभी अनिद्रा ढेरों दिक्कतें थी लेकिन सेहत की बजाय उनका ध्यान सिर्फ ज्वेलरी, महंगे कपड़ों ,डिजाइनर शूज इन्हीं पर था ।।"

"अब देखो किसी शादी फंक्शन में भी जाती हैं तो यह भी नहीं खा सकती.. वह भी नहीं खा सकती ..बैठी रहती हैं चल नहीं सकती ..सांस फूल जाता है। इतने महंगे महंगे डिजाइनर ड्रेसेस लाती हैं।। लेकिन अब या तो पहन नहीं पाती या शरीर बेढंगा लगता है उन्हें पहन कर।।"

 "टीवी में ऐड आता है ..ना मैंने अखबारों में भी पड़ा है कि सब को अपना महीने में एक बार चेकअप जरूर कराना चाहिए ..लेकिन औरतों को कौन समझाए ₹2000 की साड़ी खरीद लेंगे लेकिन ₹2000 में अपने टेस्ट नहीं कराएंगे मैं तो मैं तो कभी-कभी सोचती हूं कि औरतों को शादी की सालगिरह और जन्मदिन पर महंगा तोहफा लेने की बजाए अपने पतियों से अपना मंथली चेकअप करवाना चाहिए और कुछ कमी आई तो फिर उसी हिसाब से अपना इलाज करवाएं"

 रिया हंस कर बोली "आँटी बोल आप रही हो ,लेकिन भाषा आप की नहीं है"

 पार्वती हंसी "हां बेटा, भाषा मेरी नही है ..लेकिन भाव मेरे ही हैं मैं जानती हूं कि भैया उस दिन तुम्हें रूटीन चेकअप के लिए ले गए थे।। क्योंकि तुम्हारे चिड़चिड़ापन, डिप्रेशन अनिद्रा से वह परेशान थे और उन्हें लगता था कि शायद किसी विटामिन या किसी और चीज की कमी की वजह से तुम ऐसी हो गई हो ।।

और देखो तुम्हें पता है कि तुम्हारी रिपोर्ट्स में विटामिन D, बी12, कम आया है और थायराइड भी बॉर्डर पर ही है।। अब देखना जब तुम इन कमियों से उबर जाओगी तो यह जो हर समय थकान बनी रहती है ना उससे भी तुम्हारा पीछा छूट जाएगा" ।।

"अच्छी और खुशहाल जिंदगी जी पाओगी लेकिन तुम तो बेटा भैया से रोहन बेटा से नाराज हो गई क्योंकि तुम्हें लगा था कि वह शायद तुम्हें कहीं घुमाने ले जायेंगे..

" हां आँटी लगा तो यही था पर अब आपकी बातें सुनकर लग रहा है कि जिस काम के लिए वह ले गए थे वह शायद घूमने से ज्यादा जरूरी था.."

" हां बेटा आगे फैमिली भी बढ़ानी है जब खुद ही स्वस्थ नहीं रहोगी तो स्वस्थ बच्चे को जन्म कैसे दोगी?"

 एक दूसरी बात बेटा तुम्हें भैया से हमेशा शिकायत रहती है कि वह जल्दी घर नहीं आते, क्या तुम्हें ऐसा लगता है कि भैया का कहीं अफेयर है ...

"अरे नहीं आँटी क्या बात कर रही हो"

 "तो फिर.. वह लेट भी आते हैं तो आते तो तुम्हारे पास ही है ना ..जानती हो मेरी शादी के 1 साल तक मेरे पति शादी के खुमार में रोज जल्दी आ जाते थे घर ।।फिर धीरे धीरे धीरे आने का समय लेट होता गया और उसके बाद तो कभी-कभी उनकी रातें भी बाहर ही बीतने लगी।।

" कभी-कभी लगता है हो सकता है शायद मेरी तरफ से कुछ कमी रही हो.. लेकिन तुमसे बस इतना कहना चाहूंगी कि भैया के लेट आने पर झगड़ने की बजाय इस बात पर खुश हो जाओ कि पूरी दुनिया घूम आए लेकिन लौटकर वह तुम्हारे पास ही आते हैं ..."

"आँटी आज तो आपने मेरे मन की उलझने दूर कर दी इतनी खुशियां है मेरे पास इतना प्यार करने वाला पति लेकिन मैं हमेशा नेगेटिव चीज़े ही देखती रही।।आंटी आपने तो मेरी जिंदगी बदल दी,"

"चलो इसी बात पर दो पूरी और खायो"

"अरे बिल्कुल,ले आओ..और आप भी खायो मेरे साथ"

"हाँ भाई, खुद ही खा लो,मेरे लिए मत बचायो"रोहन अंदर आया तो रिया भाग कर लिपट गयी और बोली" तुम आज जल्दी कैसे?

"तुम्हे चेकअप के लिए ले जाना"

"क्या?फिर से?"

"अरे मजाक कर रहा हु ,घूमने चल रहे है..आइसक्रीम खाएंगे"

"अरे वाह,आँटी आप अब बाकी काम कल कर लेना"

"ठीक है बेटा, तुम जाओ ,मौज लो...पार्वती उन्हें जाते हुए देख रही थी।।और सोच रही थी काश ये बातें उसे कुछ साल पहले समझ आ आती तो आज उसकी बेटी की जिंदगी भी खुशहाल होती..आज इतनी बीमारियों के साथ मायके में ना होती.....

रेखा तोमर


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