"मुझे कपड़े पहना दो पापा,मम्मी देखो ना पापा कपड़े नहीं पहना रहे"
"प्लीज मुझे बिल्कुल भी अच्छा नहीं लग रहा मुझे दर्द हो रहा है"
एक पिता जिसका कलेजा फटने को तैयार था.एक मां जो बेसुध पड़ी थी.पिता ने अपने आंसुओं के सैलाब को रोकते हुए बोला, "बेटा कपड़े पहने है तुमने,बहुत सुंदर कपड़े ग्रीन कलर के."
"ऐसा क्यों किया उन्होंने पापा ,उन्होंने कहा था मैं तुमसे इतना ही प्यार करता हूं जितना आप करते हो. तो उन्होंने मुझे ऐसे क्यों काटा पापा,काटना तो गंदी बात होती है ना?"
"मम्मी ने बोला था,किसी को नहीं मारते फिर उन भैया ने मुझे क्यों मारा पापा?? मैंने उनसे कुछ नहीं कहा था.मैं तो रोज उनके पास जाती थी."
उन्होंने कहा,"सुन सोनाली तेरे लिए गेम भरे हैं नए फोन में ,मैं तो खेलने जाती थी पापा."पहली बार उन्होंने बोला सोनाली आज फोन में नहीं खेलेंगे आज हम दोनों खेलेंगे मुझे दर्द हुआ था पापा..... मैंने बोला मुझे नहीं खेलना है यह गेम......मेरे सारे कपड़े गंदे हो गए थे.
उन्होंने कहा, "मैं साफ करूंगा अपनी बच्ची के कपड़े."
मैं उनकी बच्ची थी ना पापा, मुझे बच्चा कहा था उन्होंने फिर मुझे मारा क्यों ??मुझे खून निकल रहा था.जब भी मैं जाती थी वह मेरे कपड़े साफ करते थे.
मैं जाना नहीं चाहती थी पर मां बोलती मुझे काम खत्म करना है जाओ जाकर खेलो मैं मना करती तो गुस्सा होती थी मां. जब मैं गीले कपड़ों से घर आती मां मुझे बहुत डांटती. कपड़े गंदे क्यों किये? मैं कहती मैंने नहीं भैया ने किए.. तुमने मुझे झूठी कहा था माँ.....तुमने कहा...अब इतना झूठ बोलती है आगे क्या गुल खिलाएगी...तुमने मेरा यकीन क्यों नहीं किया था माँ... मुझे उनसे नहीं पढ़ना था.मुझे उनके साथ नहीं खेलना था.देखो उन्होंने दांत से कैसे काटा है.छोटे बच्चे को ऐसे कौन काटता है??ऐसे कौन खिलाता है??
माँ देखो मेरे बाल खराब हो गए.मुझे इतना दर्द कभी नहीं हुआ मां.तब भी नहीं जब आप ने मुझे चांटा मारा था.तब भी नहीं जब उछालते हुए पापा के हाथ से छूट गई थी मैं.तब भी नहीं मां, जब शिवम ने मुझे धक्का दिया था.
इतना दर्द कभी नहीं हुआ ना मां.. मुझे आपके पास आना है अब तो मेरा यकीन करोगी ना आप??मैं कपड़े गंदे नहीं करती थी,मैं उन्हें गीला नहीं करती थी. प्लीज मां मुझे यहां से ले जाओ,मेरे हाथ में कितनी सारी सुई घुसी हुई है, वैक्सीनेशन होती थी तो पापा कितना परेशान हो जाते थे, आप तो मेरी तरफ देखती भी नहीं थी.फिर आज क्यों??
मुझे ऐसे यहां डर लग रहा है मुझे अब किसी के पास नहीं जाना आप मुझे कभी खुद से दूर नहीं करना. मुझे स्कूल भी नहीं जाना.मुझे खेलने भी नहीं जाना मुझे बस आपके पास कमरे में रहना है.मेरी एक आंख खुल नहीं रही मुझे कुछ दिखाई नहीं दे रहा है.आपकी सब बात मानूंगी माँ, मैं आपको काम भी करने दूंगी, मैं आपको परेशान नहीं करूंगी पर प्लीज मुझे यहां से ले जाओ माँ.
डॉक्टर अंकल आते हैं उनके साथ अलग-अलग दीदी भैया आते हैं डॉक्टर अंकल उनको बार-बार मेरा शरीर दिखाते हैं मुझेे अच्छा नहीं लगता है मां. आपने कहा था मां पापा के अलावा किसी के सामनेेे कपड़े नहीं बदलने,किसी को टच नहीं करने देना. फिर जब मैंने आपको भईया के बारेे में बताया तो मुझे झूठी क्यों कहा था माँ? क्यों था उन पर इतना विश्वास?
मैं चीखी थी, मैं चिल्लाई थी, उन्होंने TV तेज कर दिया.अब मुझे TV से डर लगता है, मैं डोरेमोन नहींं देखूंगी मुझे शिनचेन भी नहींं देखना.बस आप अपनी गोदी में रखना मुझको.पापा केेेे कंधे पर बैठना है मुझको लेकिन अभी मुझेेेे बहुत दर्द है. मैं कंधे पर नहीं बैठ पाऊंगी.लेकिन मुझेे यहां से बस आप ले चलो. हांं जो खाना बनाओगे मैं खा लूंगी जिद भी नहीं करूंगी अब मुझे मोबाइल भी नहीं चाहिए लेकिन सबसे पहलेे मेरा दर्द ठीक हो जाए मां|
फिर मैं गुड गर्ल बनकर दिखाऊंगी मैं झूठ नहीं बोलती थी.मांं मैं भी तब भी गुड गर्ल थी मेरा विश्वास करोगे ना आप?? यह पापा इतना रो क्योंं रहे है? दर्द मुझे है ना सुई तो मुझे लगी है. अब किसी को भैया नहीं कहूंगी. किसी केेेे साथ नही खेलूंगी.मैं थक गई हूं माँ मुझे नींद आ रही है मेरी आंखें बंद हो रही है दर्द भी अब कम महसूस हो रहा है चारों तरफ अंधेरा बढ़ क्यों गया?
मां, देखो कोई आया है मुझे लेने लेकिन मुझे तो आपके पास जाना था अब मैं क्या करूं ?अभी जाती हूं मैं फिर आऊंगी दोबारा आपकेेेे पास फिर से तब मुझेेे बहुत प्यार करना मां.मुझे मेरे हिस्से का आधा प्यार भी नहीं मिला और मुझे जाना पड़ रहा है.पापा का ध्यान रखना. मां क्यों रोये जा रहे है पापा? इनको चुप कराओ मां, मुझको चैन से जाने दो... वहां तो ऐसा कोई भैया नहीं होगा ना वहाँ मैं खुश रहूंगी, मुझे अब जाना है.. मेरे कपड़ों को देखकर रोना नहीं मां. मैं आऊंगी ना फिर से तब पहनूंगी वह कपड़े. मेरे खिलौने संभाल कर रखना,पड़ोस के शिवम को मत देना वह गंदा लड़का है.लेकिन भैया से बहुत अच्छा है.
चलो माँ अब चलती हूं.
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