6 महीने बाद शिशु के खाने की शुरुआत

शिशु का क्या खिलाए जो वो सेहतमंद रहे

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rekha shishodia tomar
rekha shishodia tomar 18 Apr, 2020 | 1 min read

जब बच्चा दूध को छोड़कर ठोस खाने  की शुरुआत करता है तो माएँ कंफ्यूज हो जाती है। क्या खिलाए, कब खिलाए, कितना खिलाए। दूध कितना दे और ठोस खाना कितना दे।

सबसे बड़ी मुसीबत की पूरे घर के खाने के साथ, एक छोटे बच्चे के लिए कैसे और क्या बनाए।

तो आज आपकी इन सभी सवालों का जवाब आपको इस आर्टिकल में मिलेगा।

ठोस खिलाना कब शुरू करे

ठोस खाना हमेशा 6 महीने बाद शुरू करें ।  कुछ दिन जल्दी शुरू करे या देर से कोई फर्क नही पड़ता। तब तक सिर्फ माँ का दूध या पाउडर दूध दें |

ठोस शुरु करने से पहले एक बात का ध्यान जरूर रखे कि बच्चा अपनी गर्दन रोक पा रहा हो। क्योंकि 6 महीने का कोई बंधन नही है, जब शिशु गर्दन रोकने लगे तब खिलाए।

गाय या भैंस का दूध बच्चे के लिए  हजम करना थोड़ा मुश्किल होता है, कुछ अपवाद भी होते है जैसे पुराने समय मे या  अब भी बहुत बच्चे गाय भैंस का दूध पीते भी है और उन्हें हजम भी होता है 

सबसे पहले दिन में सिर्फ 1 बार ठोस भोजन दे, वो भी केवल सुबह के समय। सुबह के समय इसलिए ताकि शिशु को कोई दिक्कत या एलर्जी हो तो समय रहते निपटा जा सके।सुबह के लिए कुछ ऑप्शन आपको दिए जा रहे है।

सुबह का नाश्ता

पोहे की खीर या नमकीन पोहा जिसमे बहुत सी सब्जियां बहुत  छोटे छोटे पीस में कटी हो,अंडे का ऑमलेट और ब्राउन ब्रेड, बेसन का चीला और दही, दूध के साथ ओट्स या कॉर्नफ़्लेक्स, मीठा या नमकीन दलिया, शकरकंद या सूजी का हलवा, आलू या पनीर का परांठा दही के साथ या रागी डोसा

इसके अलावा बेसन का हलवा,सूजी की खीर, मखाने की खीर,सामक के चावल,चावलों की खीर,इडली भी दे सकते है।

अच्छे से मसले हुए फल जैसे सेब, आम, केला, एवाकाडो, आड़ू, नाशपाती आदि।

मसली हुई सब्जियां जैसे आलू, शकरगंद, गाजर और विभिन्न प्रकार की प्यूरी दें सकते हैं |

दाल का पानी और चावल का पानी दे सकते है वैसे बच्चे के मजबूत मसूड़े मसली हुई सब्जियो और फलो को अच्छे से चबा सकते है।

मिड स्नैक्स

मिड स्नैक्स में बच्चे को कुछ हल्का दे जैसे स्मूदी, सब्जियों का सूप,टोमेटो सूप आदि

लंच

लंच में वही दे जो घर मे सबके लिए बना हो जैसे दाल और छोटी सी चपाती, चपाती को दाल में भिगो कर भी खिला सकते है,दाल चावल या वेज पुलाव,सब्जी और रोटी दे, अंडा करी और चावल, लाइट चिकन और चावल या मच्छी भात दे,  पनीर भुजीया या सोयाबीन सब्जी के साथ रोटी दे,  कोई भी हरी सब्जी और रोटी।

लंच में ध्यान रखे कि ये दही खाने का सबसे बेस्ट समय होता है इसलिए लंच में कुछ भी दे,दही अवश्य दे।

दही में प्रोबियोटिक होते है जो पेट के लिए अच्छे होते है।

मिड स्नैक्स

इस समय फ्रूट देने का बेस्ट टाइम होता है, लेकिन केवल मौसमी फल खिलाए।

ठंडे और खट्टे फल बहुत ही कम मात्रा में खिलाए या केवल दोपहर में दे, जैसे ऑरेंज,अंगूर केला। पपीता सुबह खाली पेट या खाने के बाद कभी भी, हर फ्रूट के लिए  एक  टाइम डिसाइड कर ले और रूटीन में रखे।दिन में 2 फ्रूट से ज्यादा ना दे, और एक बार मे एक ही फल दे।

डिनर

जो चीज़े आपने लंच में रखी है उन्ही में से आप डिनर के लिए चुन सकते है बस रात में दही बिल्कुल ना दे।

ध्यान रखने योग्य बातें

पैकेजिंग वाले, बाहरी खाद्य पदार्थ जैसे बिस्किट, नमकीन, सेरेलक न दें।

चीनी नमक 1 साल तक ना दें, प्राकतिक स्वाद लेने दें बच्चे को |

जब आप घर के दुसरो लोगो के लिए सब्जी बनाए तो उसी कुकर में एक कटोरी में आलू के पीस काटकर उबलने रख दे, आपका समय बचेगा।

बच्चे को खिलाने में जबरदस्ती न करें

देसी घी, नारियल, बटर जरूर दें थोड़ी मात्रा में कब्ज नहीं होगी,

दूध दिन में केवल 3 से 4 बार कर दे तथा मात्रा भी घटा दे।

धीरे धीरे बोतल छुड़ाए, दिन में 5 से 6 बार ठोस खाना दे।

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