पुराने समय से लेकर अब तक शिशु की मालिश करने की परंपरा कायम है, पहले परिवार में दादी, नानी या दाई ये काम करती थी।
पर अब एकल परिवार में ये सम्भव नही हो पाता तो एक नई माँ को मालिश कैसे, कब, कितनी करनी चाहिए उसी की जानकारी देगा मेरा ये आर्टिकल
सबसे पहले जानते है शिशु की मालिश करने के फायदे
1- हड्डियों और मसल्स को मजबूती मिलती है।
2-प्रेम भावना को जाग्रत करने वाला हार्मोन ऑक्सिटोसिन रिलीज होता है, माँ और बच्चे के बीच रिश्ता मजबूत होता है।
3- खून का दौरा बढ़ने के साथ साथ पाचन शक्ति मजबूत होती है।
4- मानसिक विकास होता है।
5-शिशु को नींद अच्छी आती है।
6--स्किन सॉफ्ट होती है।
7-डाउन सिंड्रोम और सेरेब्रल पाल्सी जैसे रोगों में मालिश काफी प्रभावी होती है
मालिश कैसे करे?::
1-मालिश करने का केवल एक पैटर्न फॉलो करें, ताकि अगर शुरुआती दौर में बच्चा चिड़चिड़ाये तो, धीरे धीरे उसे समझ आने लगे कि ये एक खास पैटर्न उसे आराम देने के लिए है।
2-सर्दियों में अजवायन और लहसुन में पका सरसो का तेल, तिल का तेल या अरंडी के तेल का प्रयोग करे।
इसी प्रकार गर्मियों में नारियल या जैतून के तेल का इस्तेमाल करे।
3- हथेलियों पर कुछ बूंदे डाले और पैरों की तरफ से मालिश शुरू करें
4-नीचे से मालिश करते हुए टांगों के ऊपर की तरफ जाए
5- शिशु के पैरों की उंगलियों को एक एक करके अंगूठे और तर्जनी उंगली के बीच बाहर की और खींचे, चटकाने की कोशिश ना करे
6- शरीर के अगले भाग अर्थात छाती और पेट पर क्लॉक वाइज हलके हाथों से मालिश करे।
7-शिशु के चेहरे और ठोड़ी पर उंगलियों से दिल के आकार में मालिश करे
8-घुटनो को मोड़ते हुए हल्के से पेट पर दबाए, इससे गैस के आराम मिलेगा
9- अब बच्चे को पेट के बल लिटा ले अगर बच्चा बहुत छोटा है तो एक हाथ से सहारा लेकर हल्की सी करवट दिला दे
10- अब तलवे और पिंडलियों से ऊपर की तरफ मालिश करती जाए।
11-सिर के नरम स्थान पर बिल्कुल दबाव ना डाले, ध्यान रखे कि तेल आँखों मे ना जाए।
12-कमरे का तापमान नॉर्मल हो,मालिश की जगह बिल्कुल साफ हो, शोरशराबा ना हो, जरूरत का हर सामान जैसे मालिश का तेल, सफाई का कपड़ा, बाद में पहनने के कपड़े, नैपी, नहाने का पानी और तौलिया एक साथ रख ले ताकि शिशु को अकेला छोड़कर ना जाना पड़े
14-दिन में केवल एक बार मालिश करें,20 मिनट का समय मालिश के लिए काफी होता है
15-बच्चा ज्यादा थका हो तो मालिश ना करे।
16- बुखार या किसी भी तरह की स्किन elergy में मालिश ना करे
17- दूध पीने और कुछ खाने के तुरंत बाद मालिश ना करे उल्टी हो सकती है
18-सोते वक्त भी मालिश ना करे
19-भोजन के 45 मिनट बाद मालिश करे अगर पहले मालिश की है तो भोजन या दूध में 15 मिनट का गैप रखे
20-शिशु की मालिश एक माह बाद ही शुरू करे क्योंकि तब तक बच्चे की त्वचा पूरी तरह विकसित हो जाती है।
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
No comments yet.
Be the first to express what you feel 🥰.
Please Login or Create a free account to comment.