ज्योति चुपचाप खड़ी नाश्ता टेबल पर लगा रही थी,ज्योति के सास ससुर नाश्ता करते हुए कनखियों से कभी ज्योति को और कभी अपने बेटे अमित को देख रहे थे।रात फिर अमित बहुत लेट घर आया था, शराब की बदबू का भभका घर मे घुसते ही फैल गया था..
ज्योति एक मासूम हिरनी सी खड़ी खड़ी देखती रही.. आज शादी की पहली सालगिरह थी और ये सब..
यूँ तो एक साल में उसे आदत हो गई है,अच्छे से समझ गई है कि अमित एक पल्लू से बंध कर रहने वाले पुरुषों में से नही है।
पर उम्मीद समझे या मजबूरी ज्योति यूंही जीवन काटने को मजबूर है..शुरू में कोशिश की सास ससुर से बात करने की पर जब पता लगा कि यहाँ तो सब इस बारे जानकारी रखते थे..तो वो हैरान रह गई।
शादी के बाद लड़का सुधर जाएगा ये मिथ ज्यादातर लड़को के माता पिता में गहरे से पैठा है..इस मिथ की भेंट चढ़ती है ज्योति जैसी बेटियां..
6 महीने पहले ही ज्योति की ननद सान्या की शादी हुई है,पगफेरे पर भी सबको लगा ही था कि कुछ गड़बड़ है ...आज सान्या ने फोन कर बताया कि उसका पति शादी की रात से ही अलग सोता है, पूरे दिन फोन पर किसी लड़की से बातें और चैट करता है..वो अब उस घर मे नही रह सकती और वापस आ रही है।
3 घण्टे बाद ही दरवाज़े पर सान्याखड़ी थी, एक छोटे से बैग के साथ..माँ ने चुपचाप दरवाजा खोला, पिता के गले लग फूट फूट कर रो पड़ी।
पिता ने खुद को संभालकर फोन लगाया"सब आपकी जिम्मेदारी है भाईसाहब, जब आपको पता था आपका बेटा किसी और के चक्कर मे है तो मेरी बेटी की जिंदगी क्यों खराब की..?
उधर से जवाब सुन तिलमिलाकर बोले"अरे तो क्या वहीं घुटती रहती, जीवनसाथी बात भी ना करे, तो क्या सिर्फ ससुराल वालों के ऊपर लड़की रहेगी"?
गुस्से से फोन काट बेटी के सर पर हाथ फिराकर बोले"चिंता मत कर,तेरा बाप जिंदा है अभी..अपने पापा के होते तुझे दुनिया की चिंता करने की कोई जरूरत नही..कोई मेरी बेटी पर उंगली नही उठा सकता..कमीने लोग.. क्या जरूरत थी ऐसे चरित्रहीन लड़के की शादी करने की?
देहरी से लगकर खड़ी बहू ने हैरानी से ससुर को देखा, ससुर की नज़रे मिली और झुक गई..बेटी ने सुबकते हुए कहा"पापा!!भाभी के तो पापा भी नही है"
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