पैनिक अटैक एक ऐसी दिक्कत है जो तेजी से लोगो को प्रभावित कर रही है, इस परेशानी से जूझने वाला इंसान देखने मे स्वस्थ्य लगता है।
लेकिन अटैक आने पर वो कितनी भयंकर स्थिति से गुजरता है इसकी आप कल्पना भी नही कर सकते।
पैनिक अटैक आना अर्थात मौत का अहसास, व्यक्ति को लगता कि बस अब उसका जीवन समाप्त होने को है।
हर व्यक्ति के जीवन मे एक या दो घटनाए ऐसी होती है, जिसका उनके मन पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है।इतना गहरा की काफी समय बीत जाने पर भी उस घटना का तनाव उन्हें गाहे बगाहे घेर लेता है।
जब ये तनाव लगातार रहने लगे तो व्यक्ति पैनिक अटैक या पैनिक डिसऑर्डर से ग्रस्त हो सकता है।
पैनिक अटैक एक ऐसी स्थिति हैं जब व्यक्ति अचानक सामान्य अवस्था से पैनिक अवस्था मे चला जाता है।
ना कोई तनाव की बात है, ना कोई खतरा, ना कोई और कारण इसके बावजूद भी व्यक्ति भयंकर रूप से घबरा जाता है, हाथ पैर कांपने लगते है, आंखों के आगे अंधेरा आ जाता है, हार्ट बीट तेजी से बढ़ने लगती है, पसीना से लथपथ हो जाता है, सांस लेने में तकलीफ, पेट मे और सीने में दर्द, आसपास की चीज़ें अस्वाभाविक लगना, मृत्यु का डर
कुल मिला कर व्यक्ति का कंट्रोल खुद पर से खत्म हो जाता है, ये पैनिक अटैक होता है।
लेकिन इस अटैक का डर मन पर इतना हावी हो जाता है कि व्यक्ति को हर समय यही डर लगा रहता है कि उसे ऑफिस में, स्कूल में या गाड़ी चलाते हुए पैनिक अटैक ना आ जाए, शरीर मे हर समय उसी डर के साथ एंग्जायटी महसूस करने लगता है। सामाजिक दूरी बनाने लगता है, जैसे ऑफिस ना जाना, भीड़ में ना जाना।
जब ये लक्षण लगभग एक महीने तक बने रहे तो समझ जाइये की पैनिक अटैक के साथ पैनिक डिसऑर्डर से भी ग्रस्त हो चुके है।
इसके लिए आपको विशेषज्ञ से इलाज तो करवाना ही होगा, पर सबसे जरूरी हैं परिवार का ।
परिवार व्यक्ति की स्थिति को समझे, उसे पागल या चिड़चिड़ा ना माने।
मानसिक स्थिति से मजबूत होने पर ही पैनिक अटैक या पैनिक डिसऑर्डर को हराना सम्भव हैं।
पैनिक अटैक से ग्रस्त व्यक्ति शराब, सिगरेट, कॉफी, चाय कम से कम ले। बिल्कुल बन्द कर दे तो और भी अच्छा है।
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
No comments yet.
Be the first to express what you feel 🥰.
Please Login or Create a free account to comment.