कभी कभी आपको लगता है आपके साथ सब गलत क्यो हो रहा है।।??
कभी सोचा है आपने सामने से आते किसी पड़ोसी या रिश्तेदार को देखकर अचानक मन मे ये ख्याल क्यो आता है"अरे यार,अब ये दिख गए"जबकि वो आपसे बहुत अच्छे से मिलते है..फिर ऐसा क्यों??
क्योंकि आप दोनों में से कोई एक नेगेटिविटी से भरा है..अपने आसपास नजर घुमाइए कोई ना कोई आपको जरूर दिखेगा जिसने पड़ोस में किसी का कुछ नही बिगाड़ा.. सबसे अच्छे से बर्ताव करता है पर फिर भी सब उससे बचने की कोशिश करते है।।
एक साधारण सी दिखने वाली लड़की शादी के बाद अचानक कुछ समय बाद खूबसूरत दिखने लगती है..
लोग मजाक में बोलते है" प्यार का रंग है" .. ये प्यार का रंग सिर्फ और सिर्फ positivity जो उस लड़की को मिलती है अपने पार्टनर से जो शादी की शुरुआत में हर बार तैयार होने पर प्यार से बोलता है "सुंदर लग रही हो"
दो तरह की एनर्जी होती है और उसी पर ये दुनिया कायम है..
नेगेटिव और पॉजिटिव
नेगेटिव ज्यादा ताकतवर होती है और आजकल के टाइम में तो भरमार है इसकी..जितना इसकी गिरफ्त में आएंगे दिमाग और शरीर से बीमार होते जाएंगे..
तो बचिए ऐसे लोगो से जो हर समय केवल दुख और निराशा भरी बातें करते है।।
ये लोग खुद भी दुखी है आपको भी निराशा के अंधकार में डाल देंगे...
दिक्कते सबके जीवन मे है..हर कोई संघर्ष कर रहा है लेकिन हर जगह हर समय उसकी चर्चा करना कहाँ तक सही है..
मान लीजिए आपको diebities है या थाइरोइड है या कोई भी बड़ी बीमारी ..या आप आर्थिक तंगी से गुजर रहे है..या आपके घर मे ग्रह क्लेश चरम सीमा पर है...
यकीन करिये अपने आसपास और खुद के अनुभव से बता रही हूं जितना ज्यादा इन सबकी चर्चा करेंगे उतना ही ये बढ़ती चली जाएंगी..
जानते है हमारे पूर्वज हमसे बहुत ज्ञानी और प्रैक्टिकल थे वो जानते थे जो चीज़े हम सोचते है,बोलते है वही यूनिवर्स में जाकर टकराती है और वापस लौटकर आती हैं।।
उदाहरण के तौर पर आप रोज घर से निकलिए औऱ सोचिये आज कोई मेरा पर्स ना छीन ले,कोई पैसे ना चुरा ले..यकीन मानिए कुछ ही हफ़्तों में किसी ना किसी कारण आपको बाहर पैसो का नुकसान झेलना पड़ सकता है..
अब आप कहेंगे कि ऐसे तो हम रोज सोचे कि बाहर सड़क पर पैसे पड़े मिलेंगे तो मैंने पहले बताया नेगेटिव एनर्जी ताकतवर होती है।।
और मिल भी सकते है लेकिन दुनिया के कितने लोग सोचते है कि आज मेरे पैसे छीन जाएंगे या रास्ते मे गिर जाएंगे..
किसी के गिरेंगे तभी किसी को मिलेंगे...
अब आप नेगेटिविटी से बचेंगे कैसे??.हमेशा सोचिये और बोलिये" सब बढ़िया हैं, सब ठीक हो जाएगा..लोग तो हमसे भी दुखी है...हम तो फिर भी अच्छी स्थिति में है"
खुद भी और पूरे परिवार को भी समझाए बीमारी,आर्थिक स्थिति,या ग्रह क्लेश की चर्चा हर किसी से हर समय ना करे।।
जीवन मे कई बार ऐसा होता है जब आपके मुंह से निकलता है" हे ईश्वर ऐसा क्यों किया"
कुछ समय बाद महसूस होता है" अच्छा हुआ उस समय ये सब हुआ'
ये बात सब घटनाओ पर लागू नही होती पर इसे ही तो नियति कहते है।।
करके देखिए.. अच्छा सोचिये अपने बारे में..सोचिये मैं खूबसूरत हूं..स्वस्थ हूं फिर देखिए जिंदगी बदल जाएगी..जब खुद बदलेंगे तो समाज को बदल पाएंगे।।
मूल मंत्र 'सब बढ़िया है सब अच्छा होगा'
सबके मूल में एक विश्वास हमेशा रखिए'ईश्वर जो करता है हमेशा अच्छा करता है..वो सबको सब कुछ नही दे सकता..क्योंकि उसने स्वयं को भी अपने अवतारों में किसी ना किसी चीज़ से वंचित रखा है"।।
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