दीप्ति और आर्या एक ही ऑफिस में है, आज दीप्ति याद कर रही है,5 साल पहले का टाइम जब पहली बार कम्पनी की कैब ने पिक किया था।
और पहली बार देखा था आर्या को।
आर्या-हैलो, नई जॉइनिंग हो?
दीप्ति-जी
आर्या-वेलकम है,मैं आर्या, ये रमेश हमारे कैब वाले भईया ये अमित और ये शीतल।
दीप्ति-हम्म
आर्या-आपको डॉक्टर ने कम बोलने को कहा है।
पूरी कैब ठहाकों से गूंज जाती है और दीप्ति चिढ़ जाती है।
दीप्ति-मुझे फालतू बातें करना पसंद नही।
आर्या-अच्छा ठीक है, सुन तो लोगी ना क्योंकि मुझे फालतू बोलने की आदत है।
दीप्ति घूर कर देखती है, फिर विंडो से बाहर झांकने लगती हैं।
ऑफिस में ब्रेक टाइम पर
आर्या-आ जाओ कॉफी पीते है।
दीप्ति-मैं नाश्ता लाई हूँ ,वही खाऊँगी
आर्या-हम सब साथ मे कॉफी पीते है।
दीप्ति-तो पी लो।
आर्या-लगता है कुछ स्पेशल बनाया है आंटी ने जो नही दिखाना चाहती।
दीप्ति-मैं अकेली रहती हूं, फैमिली मेरठ में है।
आर्या-बहुत हिम्मती हो।
दीप्ति-हिम्मती की क्या बात है?
आर्या-मुझे अकेले डर लगता है।
दीप्ति-हा हा हा
आर्या-अच्छा तुम हँसती भी हो?
इसी तरह करीब 2 महीने गुजर जाते है,रोज साथ आते जाते,दीप्ति, आर्या को पसन्द करने लगती है। साथ साथ कॉफी पीते हुए कब कॉफी की महक और स्वाद से होते हुए, दीप्ति की भावनाएं आर्या के लिए जाग उठती है पता ही नही चलता।
एक दिन फोन पर
आर्या-ऑफिस में टारगेट पूरा करने मे एक बात बता नही पाया।
दीप्ति-बताओ।
आर्या-घरवाले अब शादी के लिए बहुत जिद करने लगे है, मुझे कुछ समझ नही आ रहा।
दीप्ति-कर लो और क्या बुढ़ापे में करोगे।
आर्या-वही तो, मम्मी परेशान है कहती है 28 का हो गया है..घर मे क्लेश है, मम्मी पापा का झगड़ा हो रहा है मेरी वजह से।
दीप्ति-करनी तो है ही, लगभग 5 साल हो गए, तुम्हारी गर्लफ़्रेंड अब बाल बच्चेदार होगी।
आर्या-ठीक है आज हाँ कर देता हूं,ओके बाय
दीप्ति-आर्या,पहले हम दो दो घण्टे चैट कर लेते थे, अब हमारे पास बातें नही है करने को
आर्या-तब हम चैट नही करते थे एक दूसरे को सम्भालते थे,तुम्हारे नए शहर की और मेरी लव लाइफ की मुश्किलें.. हर रिश्ते का एक पीक पॉइंट होता है दीप्ति..जहाँ शब्द और बातें खत्म हो जाती है।
इस समय रिश्ते में सिर्फ भावनाए रह जाती है नो फ़ालतू गपशप।
दीप्ति-इतनी रात को किसी लड़की को फोन करोगे तो पत्नी पिटेगी तुम्हे।
आर्या-पहले कोई रिश्ता तो जमे ,अभी तो देखना दिखाना ही चल रहा है।
दीप्ति-हो जाएगा वो भी
आर्या-शादी के बाद हमारी दोस्ती में फर्क पड़ेगा?
दीप्ति-बिल्कुल,और पड़ना भी चाहिए।
आर्या-क्यों, क्यों पड़ना चाहिए।
दीप्ति- कौन पत्नी चाहेगी उसके पति की उससे ज्यादा किसी और लड़की से पटे।
आर्या-तो एक काम करे तुम मानो तो।
दीप्ति-बोलो
आर्या-हम दोनों आपस मे शादी कर ले।
आर्या-देखो ऑफिस में हमारी अंडरस्टैंडिंग देख सब कहते है कि हमे शादी कर लेनी चाहिए।
दीप्ति-शादी दुसरो के कहने पर नही की जाती आर्या।
आर्या-नही, मुझे लगता है हम अच्छे कपल बनेंगे।
दीप्ति-पर शादी के लिए प्यार जरूरी है।
आर्या-अबे घोंचू जिससे मेरी अरेंज मैरिज होगी उसे तो मैं सही से जानता भी नही होऊंगा।
दीप्ति-पर?
आर्या-और जिससे मैं प्यार करता था उसने क्या किया?
दीप्ति-तुम अब भी उससे?
आर्या-अभी क्या बोला मैंने 'प्यार करता था'।
दीप्ति-हम्म
आर्या-फिर बचा क्या हमारी दोस्ती।
दीप्ति-कुछ अजीब है।
आर्या-क्या?
दीप्ति-ना प्रोपोज़,ना कसमें वादे सीधा शादी
आर्या-हमारी स्टोरी दुनिया से अलग होगी इसलिए
दीप्ति-ठीक है मैं तैयार हूं।
आर्या-वो मारा पापड़ वाले को,देखना हम बेस्ट मैरीड कपल बनेंगे।
दीप्ति-हम्म
आज आर्या और दीप्ति की शादी को एक साल हो गया है।
और कमाल की बात है कि आज तक उन दोनों ने आई लव यू नही कहा।
आज शादी की पहली सालगिरह पर दीप्ति ने आर्या के फेवरेट कॉफी हाउस में surprize तैयार किया है जहाँ वो अपने प्यार का इजहार करेगी।
आखिर जीवन के महत्वपूर्ण पल कॉफ़ी के साथ ही तो बिताए उन दोनों ने
लोगो की दोस्ती प्यार और शादी होती है यहाँ सीधा दोस्ती से शादी के बंधन में बंध गए।
क्योंकि अंडरस्टैंडिंग प्यार से ज्यादा जरूरी है।
सत्य घटना पर आधारित
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