सीख कब उम्र से बंधी है,
कहने वालों ने कहा है ज़िन्दगी तो सिखने के लिए ही बनी है,
कभी देख कर सीख रहे है,
तो कभी खुद के प्रयास से आगे बढ़ रहे है,
माना कि रफ्तार थोड़ी कम है हमारी,
ज़रूरत है जितनी उतनी की ही है तैयारी,
गिर - गिर कर भी सीख रहे है,
हम रोते है फिर आंसू पोछ आगे बढ़ रहे है,
माना कि आंसू रास्ते धुंधला कर देते है,
राह भटक जाने पर मजबूर कर देते है,
लेकिन सीख की ज़िद्द के सामने हम फिर खड़े उठते है,
सीख इंसान को और बेहतर बनाती है,
गलतियों से दूर और तजुर्बे के पास ले जाती है,
एक दिन वो दिन भी आएगा,
जब हमारे हर फैसले के आगे हर कोई सिर झुकाएगा.
Comments
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THEEK LIKHA HAI.. Aapne Sikhne Ki KOI umra Nahin Hotee..!
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