सावन के दिन आ गए,
भोले बाबा के दिन आ गए,
हर शिव भक्तों के बम बम भोले कहने के दिन आ गए,
यूँ तो रोज़ाना ही बाबा को पुकारा जाता हैं,
लेकिन इन दिनों बाबा का भक्तों को बुलावा आता हैं,
हाथ में डमरू, गले में सर्प और मुखमंण्ल पर तेज लिए भोले बाबा दर्शन देते हैं,
अम्रत देते है सबको विष कण्ठ में धारण करते हैं,
गुस्से के प्रभु तेज है, फिर भी भोले कहलाते हैं,
ना कहना ना आए उन्हें शायद इसलिए बाबा कहलाते हैं,
अंतरमन से ध्यान करो भोले बाबा मिलने आएंगें,
ओउम् के उच्चारण से महादेव प्रसन्न हो जाएंगें,
खुद मे थोड़ा बदलाव ला अकड़ नहीं तू सिर को झुका,
शंभू सब कष्ट हर लेंगे,
तू धुन बजा बाबा को बुला निश्चय ही वे सुन लेंगे,
ना नाराज़ कर ना तेवर दिखा,
भगवन ताण्व रूप धर लेंगे.
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