तेरे इंतज़ार में...................

जागती आँखों से तुझे याद करते है, बंद आँखों से तेरा दीदार करते है, नहीं बताते किसी को कि तू कैसा दिखता है, हमें क्या मालूम कि क्या तू मेरी कल्पना जैसा ही दिखता है.

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rashi sharma
rashi sharma 29 Oct, 2022 | 0 mins read

ज़ुबान से रटते है, हाथों में जपते है,

भागते हुए मन को पकड़ कर रखते है,

जाने नहीं देते तेरे एहसास को,

कुछ इस तरह हम तेरा इंतज़ार करते है,


तेरे आने का वक्त कौन जानता है,

तेरा बंदा तो केवल तुझ पर हक जताता है,

विश्वास है उसे कि तू सुन रहा है,

तभी तो हर गलती को पहली गलती समझ कर माफ कर देता है,


तू है मेरा बस यही बात सोच कर मुस्कुराता हूँ,

मैं हूँ तेरा या नहीं इस बात से दूर ही रहता हूँ,

ड़र है कि जवाब में तू कहीं ना न कह दें,

मेरे वहम को कहीं खोखला ना कर दें.

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rashi sharma

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