Rajeev Kumar
Rajeev Kumar 16 Jan, 2023
पुस की रात
झेल कठोर ठंड सहता जाता गरीब दुर्भाग्य का दण्ड। अलाव भभका कम पड़ा इंधन पेट का इंधन तो पहले से खतम। आज भी कहता वो निर्धन मेरीे संतान के पास है धन।

Paperwiff

by rajeevkumar

16 Jan, 2023

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