Rajeev Kumar
22 Aug, 2022
छवी
सांवली तेरी छवी चंचल
हो जाये न नयनों से ओझल
संग रहे तेरा श्याम वर्ण
देता रहे क्रियाशील बल .
ऐसी है तेरी मन की भावुकता
जैसे पुष्पों की सी मादकता
और गगन में जैसे चाँद दमकता
और झील का जैसे निर्मल जल .
राजीव कुमार
Paperwiff
by rajeevkumar
22 Aug, 2022
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